Haryana Mukhymantri Rahat Kosh Yojana: हरियाणा सरकार की तरफ से प्रदेश के लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में एक बड़ी पहल की है. सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष योजना के तहत चिकित्सा के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान करने का बड़ा फैसला किया है . इस सुविधा का लाभ लेने वालों को सरल पोर्टल पर आवेदन करने की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है.
आवेदन क़े 15 दिन के अंदर मिलेगी आर्थिक सहायता
अब यह प्रक्रिया और अधिक आसान हो गई है. मुख्यमंत्री राहत कोष योजना से इलाज के लिए जरूरतमंदों को आवेदन के 15 दिन में आर्थिक सहायता मुहैया करवाई जाएगी. मुख्यमंत्री राहत कोष से मिलने वाली आर्थिक सहायता की राशि सीधे आवेदक या लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी. ऐसे में लाभार्थी को योजना का सीधा लाभ मिलता है. जो जरूरतमंद व्यक्ति आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर नहीं होते, उन व्यक्तियों को मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी.
प्रदान की जाती है इलाज के खर्च की 25% राशि
मुख्यमंत्री राहत कोष योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता के लिए जिला स्तर पर कमेटी गठित की गई है, जिसमें संबंधित एमपी, संबंधित एमएलए, उपायुक्त, सिविल सर्जन, नगर परिषद व नगर पालिकाओं के अध्यक्ष, जिला परिषद के चेयरमैन, पंचायत समिति के चेयरमैन को सदस्य और नगराधीश को नोडल अधिकारी बनाया गया है. मुख्यमंत्री राहत कोष योजना से आर्थिक सहायता के रूप में इलाज खर्च का 25 प्रतिशत पैसा प्रदान किया जाता है. जिसकी अधिकतम सीमा एक लाख रुपये निर्धारित हुई है. आपको बता दें कि आवेदक वित्त वर्ष में सिर्फ एक बार ही इस सुविधा का लाभ उठा सकता है.
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योजना में आवेदन करना बेहद सरल
आवेदक अपने परिवार पहचान पत्र और बाकी जरूरी दस्तावेजों के साथ सरल पोर्टल पर मुख्यमंत्री राहत कोष योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकता है. इस प्रक्रिया को पूरी करने के लिए आवेदकों को अपने चिकित्सा बिल, ओपीडी बिल आदि दस्तावेजों को अपलोड करना होता है. योजना में किए गए बदलावों के तहत यदि कोई बीमारी आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के अंतर्गत नहीं आती है तो आयुष्मान योजना के लाभार्थियों कों मुख्यमंत्री राहत कोष के जरिये आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाती है. ऐसे में इस योजना के लिए आवेदन करना बेहद ही आसान है और आपको बहुत जल्दी योजना का लाभ भी मिल जाता है.
इस प्रकार होती है पूरी प्रक्रिया
आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए पोर्टल पर जैसे ही आवेदन किया जाता है, वैसे ही उस आवेदन कों संबंधित क्षेत्र के सांसद, विधायक, अध्यक्ष जिला परिषद, अध्यक्ष ब्लॉक समिति, मेयर/एमसी के अध्यक्ष के पास भेज दिया जाता है. ये जनप्रतिनिधि 5 दिन के अंदर अपनी सिफारिशों के साथ डीसी कार्यालय क़े पास उस आवेदन को भेजते हैं. उसके बाद आवेदन को डीसी कार्यालय द्वारा संबंधित तहसीलदार को भेजा जाता है.
लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर होती है राशि
तहसीलदार द्वारा आवेदक की चल-अचल संपत्ति की वेरिफिकेशन की जाती है. उसके बाद सिविल सर्जन को मेडिकल दस्तावेजों के सत्यापन के लिए भेजा जाता है. संपत्ति के वेरिफिकेशन के लिए 4 दिन और सिविल सर्जन कार्यालय से जुड़े सत्यापन कार्य के लिए 5 दिन की समय सीमा निर्धारित है. दोनों विभागों से मिली रिपोर्ट्स को उपायुक्त की संस्तुति के साथ कमेटी के सदस्य सचिव के पास भेजा जाता हैं. जिसे वे सीनियर एकाउंट अधिकारी को ट्रांसफर करेंगे. इसके बाद स्वीकृत की गई राशि सीधे लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर की जाती है. इस प्रकार योजना का लाभ लिया जा सकता है.
योजना में आवेदन करने हेतु लिंक
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